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Ranjhana Film Review

फिल्म 'रांझणा' एक ऐसे हिंदू लड़के की कहानी है जो बचपन से एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता है. बचपन से शुरू हुई ये प्रेम कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, फिल्म नए मोड़ लेती रहती है. निर्देशक आनंद एल रॉय ने फिल्म में टीन ऐज में होने वाले प्यार को बेहद खूबसूरती से दिखाया है. अगर आपको अपने स्कूली दौर के प्यार की खट्टी-मिट्ठी यादें ताजी करनी हैं तो ‘रांझणा’ देखी जा सकती है. फिल्म में बनारस के सीन आंखों को भाने वाले हैं. फिल्म के गीत भी स्टोरी के हिसाब से ठीक बैठते हैं. अचानक बनारस की गलियों से शुरू हुई लव स्टोरी जेएनयू पहुंच जाती है. जहां छात्रों का व्यवस्था के प्रति रोष और राजनीतिक सक्रियता का माहौल प्रेम की खट्टी- मिट्ठी रोमानियत पर भारी पड़ जाता है. फिल्म का पहला पार्ट बढ़िया है लेकिन दूसरा पार्ट निराश करने वाला है. फिल्म ‘रांझणा’ में भी बॉलीवुड की अन्य लव स्टोरी वाली रटी-रटाई गलती नजर आती है. कहानी कुंदन (धनुष) एक बाह्मण लड़का है जो बचपन से एक मुस्लिम लड़की जोया (सोनम कपूर) से इश्क करने लगता है. कुंदन जोया को लुभाने की हर संभव कोशिश करता है. वो उसका नाम जानने के लिए पंद्रह