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मई 4, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आंख और आइसक्रीम से मुखिया का रिश्ता

लिट्टी-चौखे ने ही पहाड़ और बिहार को जोड़ने का काम किया था। बाकि तो धुर विरोध था। सब्जियां लाने, आटा पिसवाने और गैस भरवाने में आगे रहने के चलते उसे ‘मुखिया’ की उपाधि मिली। बाद, सबकी जुबान पर यह नाम चढ़ता चला गया। उसकी खासियत थी हद से ज्यादा धैर्यवान रहना। पूरे दो साल वह इसी सिद्धांत के साथ नाक की सीध पर चलता रहा। बस एक बार कंट्रोवर्सी तब पैदा हुई जब उसने वृंदावन में कृष्ण को गरियाया और जोर-जोर से जय श्रीराम के नारे लगाए। बाद में साथ गए लोगों ने खुलासा किया- ‘चप्पल नई और महंगी थी इसलिए धैर्य लूज पड़ा ।’ हालांकि, जब भी इस बात का जिक्र आया वह ठेठ लहजे में कहता रहा  ‘कृष्ण तो था ही बचपन से चोर। अगर चोर कह दिया तो क्या गलत किया?’ उसकी इस बात का जवाब किसी के पास नहीं था क्योंकि यह आस्था का विषय था। पहले मुलाकात के बाद सबने कहा वो दिखता जरूर अजीब है लेकिन समझ में आता है। फिर कहा गया वो दिखता सही है, लेकिन अजीब है, समझ में कम आता है। इसके बाद से लोक में विख्यात हो गया कि उसकी आंखों में साक्षात खजुराहो के दर्शन होते हैं। बाद में किसी तरह सेटलमेंट हुआ, एक साल बाद आंखों वाली बात दब पाई। और