'ईमानदार समीक्षा' तो आपने पढ़ी ही होगी। अब वक्त है 'बड़े लेखक' का साक्षात्कार पढ़ने का। लेखक बहुत बड़े हैं। धैर्य से पढ़ना। लेखक बिरादरी की बात है। तीन-चार पुरस्कार झटक चुके हैं। राजनीतिज्ञों के बीच ठीक-ठाक धाक है। सोशल मीडिया पर चेलो-चपाटों की भरमार। संपादकों से ठसक वाली सेटिंग। महिला लेखिकाओं के बीच लोकप्रियता चरम पर। विश्वविद्यालयों में क्षेत्र और जात वाला तार जुड़ा हुआ है। कई संगठनों का समर्थन अलग से। अकादमी से लेकर समीक्षकों तक फुल पैठ। पूरी फौज है। बौद्धिक टिप्पणी के लिए अलग। गाली-गलौच के लिए छठे हुए। सेल्फी और शेयरिंग के लिए खोजे हुए। फिजिकल अटैक के लिए कभी-कभार वाले। साक्षात्कारकर्ता से टकरा गए थे किसी रोज लॉकडाउन से पहले। मार्च का महीना था। गले में गमछा और हाथ में किताबें लिए सरपंच बने फिर रहे थे। थोड़ी-सी नोंकझोक के बाद ऐसी दोस्ती हुई कि इंटरव्यू ही ले डाला। तो पढ़िए बड़े लेखक का बड़ा इंटरव्यू.............। साक्षात्कारकर्ता- नमस्कार लेखक महोदय। आपका स्वागत है। लेखक महोदय- बहुत-बहुत आभार आपका। साक्षात्कारकर्ता- मेरा आपसे पहला सवाल है कि आप लिखते
ललित फुलारा पत्रकार और लेखक हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में एम.ए किया। दैनिक भास्कर , ज़ी न्यूज़ , राजस्थान पत्रिका, न्यूज़18 और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं. वर्तमान में ज़ी मीडिया में चीफ-सब एडिटर हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, संस्मरण और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। 2022 में कैंपस-यूथ आधारित नॉवेल 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी' प्रकाशित हुआ। उपन्यास को साहित्य आज तक ने शीर्ष दस किताबों में शामिल किया.