इस गुरुवार को दिल्ली के गोल मार्कट स्थित मुक्तधारा ऑडिटोरियम में व्यंग्य नाटक 'नौटंकी राजा' का मंचन हुआ। भारतेंदु नाट्य अकादमी से स्नातकोत्तर रंगकर्मी भूपेश जोशी ने नाटक का निर्देशन किया। नाटक राजनीतिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में हो रहे पतन पर करारी चोट करता है। नाटक को युवा लेखक अनुज खरे ने लिखा है। नौटंकीपुर राज्य के राजा का देहांत हो गया है। राज्य की सलेक्शन समिति विदूषक को राज्य के लिए नया राजा खोजने का जिम्मा सौंपती है। विदूषक पूरे देशभर में भ्रमण कर कुछ चुने हुए लोगों को सलेक्शन कमेटी के पास लेकर पहुंचता है और उनकी खासियत से समिति को रू-ब-रू कराता है। अंत में सलेक्शन कमेटी विदूषक को ही नौटंकीपुर राज्य का राजा घोषित कर देती है। सलेक्शन कमेटी सभी कैंडिडेट को देखने के बाद फैसला करती है कि ये तो अपने-अपने धंधों में ही नौटंकी कर सकते हैं, लेकिन हमारा विदूषक तो ऑलराउंडर है। सभी क्षेत्रों में पक्का नौटंकीबाज है इसलिए नौटंकीपुर राज्य के लिए ये ही उपयुक्त राजा होगा। इस तरह एक बार फिर नौटंकीपुर राज्य अस्तित्व में आ जाता है। नाटक में विदूषक का किरदार मयंक ने निभा
ललित फुलारा पत्रकार और लेखक हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में एम.ए किया। दैनिक भास्कर , ज़ी न्यूज़ , राजस्थान पत्रिका, न्यूज़18 और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं. वर्तमान में ज़ी मीडिया में चीफ-सब एडिटर हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, संस्मरण और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। 2022 में कैंपस-यूथ आधारित नॉवेल 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी' प्रकाशित हुआ। उपन्यास को साहित्य आज तक ने शीर्ष दस किताबों में शामिल किया.