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मार्च 20, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कैंपस, युवा, प्रेम और पॉलिटिक्स के ईर्द-गिर्द बुना गया एक शानदार उपन्यास है 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी'

उपन्यास- 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी' लेखक- ललित फुलारा प्रकाशक- यश पब्लिकेशंस मूल्य- 199 रुपये पृष्ठ संख्या- 127 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी' एक ऐसा उपन्यास है, जिसे हाथ में उठाने के बाद आप बिना खत्म किये छोड़ नहीं सकते. लेखक ने यूथ और कैंपस बेस्ड इस नॉवेल को सदी हुई भाषा में कसा है और तारतम्यता को इस तरह से बरकरार रखा है कि मानों उपन्यास न हो कर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कोई वेब सीरीज चल रही हो...! इस नॉवेल की शुरुआत 'दिल की बात' से होती है, जो वाकई में आपके दिल में उतर जाती है. धीरे-धीरे हास्य और गुदगुदाने वाले अंदाज में घासी उभरकर सामने आता है और उसके किस्से ठहाके लगाने पर मजबूर कर देते हैं. यथावत पत्रिका में छपी पुस्तक समीक्षा पुस्तक के जिस भी पन्ने में घासी आता है आप बिना मुस्कुराये नहीं रह सकते. टिल्लू की प्रेम कहानी में कई बार दिल धुकधुकाता था तो कई बार लगता था कि टिल्लू के साथ गलत हुआ. नव्या के प्रति सहानुभूति भी होती थी और यह सस्पेंस भी बरकरार रहता था कि आगे क्या हुआ होगा? उपन्यास में मौजूद प्रेम कहानी कभी भावुक करती थी तो कभी अचानक से गुस्सा दिला देती थी.